दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए नोएडा और गाजियाबाद के स्वास्थ्य अधिकारी सतर्क हो गए हैं। अधिकारियों ने दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की ट्रेसिंग तेज कर दी है ताकि दोनों जिलों में दोबारा कोरोना संक्रमितों की संख्या न बढ़े।
शनिवार को नोएडा में कोरोना के 17 नए मामले सामने आए थे, जो 11 जनवरी के बाद सबसे ज्यादा है। दिसंबर में जब कोरोना के मामले नीचे जाने लगे तो अधिकारियों ने राहत की सांस ली। फरवरी तक संक्रमण सिंगल डिजिट में ही रहा। हालांकि जब मार्च शुरू हुआ तो मामलों में तेजी देखी जाने लगी। हालांकि रविवार को सिर्फ तीन लोग ही नोएडा में संक्रमित मिले लेकिन अधिकारी किसी ढिलाई के मूड में नहीं हैं।
अधिकारियों की यह सतर्कता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पड़ोसी राज्यों जैसे दिल्ली में बीते चार दिन से 400 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और गाजियाबाद में भी संक्रमण में तेजी आई है। हालांकि अधिकारियों ने ये साफ कर दिया है कि वह बॉर्डर पर आवागमन पर रोक के लिए अभी नहीं सोच रहे हैं।
गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई का कहना है कि, हमें स्पष्ट है कि अब लॉकडाउन नहीं लगेगा और हमारा पूरा प्रयास होगा कि इसे बचा जाए। अब हमें बस सतर्क रहने की जरूरत है, निगरानी बढ़ाने के साथ ही हल्के लक्षणों वालों पर भी निगाह रखनी होगी। आसपास के जिलों में बढ़ते मामलों से हम चिंतित जरूर हैं और नोएडा के लिए हमने प्लानिंग शुरू कर दी है।
जिलाधिकारी ने दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों से भी बैठक रखी है ताकि केरल और महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जा सके। इसमें आरडब्ल्यूए को भी जोड़ा जाएगा जिससे जमीनी स्तर पर भी दूसरे राज्यों से आए लोगों पर नजर रखी जा सके। गाजियाबाद जिला प्रशासन ने भी ऐसे ही कदम उठाए हैं ताकि संक्रमण रोका जा सके। अब गाजियाबाद में रोजाना 3000 की जगह 5000 टेस्टिंग हो रही है।